अपने प्यारे गुड्डों के संग
छोटी-सी गुड़िया बन जाऊँ
छुप्पा-छुप्पी खेलूँ, भागूँ
छुपकर देखूँ फिर छुप जाऊँ
बालू को थप-थपकर, रचकर
छोटा सा घर एक बनाऊँ
मेरी अपनी छुक-छुक गाड़ी
बस उसमें ही मैं रम जाऊँ
कितने अच्छे लोग यहाँ पर
सबको कुछ खुशियाँ दे पाऊँ
शानू, डूडू, सोना, पुटलू
सब पर अपना रौब जमाऊँ
सपनों की दुनिया में जाकर
परियों को भी खूब रिझाऊँ
छप-छप पानी में मैं खेलूँ
कागज़ की इक नाव बनाऊँ
चाँद-सितारों को तक-तक कर
गुड्डों के संग अब सो जाऊँ
***** आराधना
छुपकर देखूँ फिर छुप जाऊँ
बालू को थप-थपकर, रचकर
छोटा सा घर एक बनाऊँ
मेरी अपनी छुक-छुक गाड़ी
बस उसमें ही मैं रम जाऊँ
कितने अच्छे लोग यहाँ पर
सबको कुछ खुशियाँ दे पाऊँ
शानू, डूडू, सोना, पुटलू
सब पर अपना रौब जमाऊँ
सपनों की दुनिया में जाकर
परियों को भी खूब रिझाऊँ
छप-छप पानी में मैं खेलूँ
कागज़ की इक नाव बनाऊँ
चाँद-सितारों को तक-तक कर
गुड्डों के संग अब सो जाऊँ
***** आराधना
सादर आभार व धन्यवाद आद सपन सर। सादर प्रणाम।
ReplyDeleteआपका सादर स्वागत है आदरणीया। सादर नमन
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