Sunday 24 September 2017

साथी तेरा प्यार - एक गीत


जीवन की अनमोल धरोहर, साथी तेरा प्यार।
मणिकांचन संयोग सुखद है, मान रहा संसार।

हर अनुभूति सुहानी अनुपम, अद्भुत नव अनुबंध।
जुड़े हृदय के तार बना तब, यह मधुरिम संबंध ।।
झंकृत कर दे मन वीणा को, तेरा रूप सिंगार ।
जीवन की अनमोल धरोहर...


सूखे नीरस मरुथल में तुम, सुरभित सुंदर फूल।
आँखों में लहराता रहता, तेरा नील दुकूल।
अल्कों की मतवाली खुशबू, करती सदा विभोर।
अधंकारयुत सघन निशा में, आई बनकर भोर।।
खंडित जीवन नौका की तुम, एक सुदृढ़ पतवार।
जीवन की अनमोल धरोहर...


क्षण भर विलग रहूँ यदि तुमसे, हो जाता बेचैन।
विरह पलों की सोच बात ही, भर भर आते नैन।
हरपल प्रभु से यही विनय है, कभी न हों हम दूर।
जीवन भर के साथी हैं हम, करें प्यार भरपूर ।।
प्राणप्रिये तुम बनकर आईं, जीवन का आधार।
जीवन की अनमोल धरोहर...


***** डाॅ. बिपिन पाण्डेय

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