Sunday 19 February 2017

कामयाबी




ख़्वाहिशों के पर लगा परवाज़ जो भरता रहा है
चाँद छूने का इरादा दिल में जो रखता रहा है
आँधियाँ हों या कि तूफ़ाँ पर कभी डरता नहीं जो
कामयाबी मुट्ठियों में वो सदा करता रहा है 


*****प्रमिला आर्य*****

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