Sunday 3 January 2016

नया/नवीन/नूतन पर दोहे


पंद्रह से सोलह हुआ, गाते गाते गीत 
साल सोलवां आ गया, बन करके मनमीत1

विगत वर्ष जो रह गये, आदि व्याधियाँ शेष 
रहें न नूतन वर्ष में,उनके भी अवशेष2

मंगलमय नव वर्ष हो, दे सबको समृद्धि
मान सम्पदा कीर्ति में, हो दिन दूनी वृद्धि3

नई किरण के साथ ही, आया नवल प्रकाश
लेना है संकल्प नव, छूने को आकाश4

हों प्रसन्न माँ शारदे, कृपा करें भरपूर
सृजन कार्य होता रहे, संकट हों सब दूर5

**हरिओम श्रीवास्तव**

No comments:

Post a Comment

रीति निभाने आये राम - गीत

  त्रेता युग में सूर्य वंश में, रीति निभाने आये राम। निष्ठुर मन में जागे करुणा, भाव जगाने आये राम।। राम नाम के उच्चारण से, शीतल जल ...