व्योम पटल पर कवि सम्मेलन
मधुर मिलन चेतन अवचेतन
धरा पहन के चूनर धानी
तिलक-माल करती अभिनंदन
सप्त सुरो ने ज्योति जलायी
सतरंगी मयूर की ता धिन
देख क्षितिज का महिमा मंडन
दंग रह गये सारे कविगन
बूँद-बूँद पग पायल बाँधे
बारिस रानी छम-छम नर्तन
गोप खुशी से लोप हो गया
देख घटा की छटा विलक्षन
पारिश्रमिक की होड़ नही है
तुलसी तिलक करें रघुनंदन
*** गोप कुमार मिश्र ***
तिलक-माल करती अभिनंदन
सप्त सुरो ने ज्योति जलायी
सतरंगी मयूर की ता धिन
देख क्षितिज का महिमा मंडन
दंग रह गये सारे कविगन
बूँद-बूँद पग पायल बाँधे
बारिस रानी छम-छम नर्तन
गोप खुशी से लोप हो गया
देख घटा की छटा विलक्षन
पारिश्रमिक की होड़ नही है
तुलसी तिलक करें रघुनंदन
*** गोप कुमार मिश्र ***