Tuesday 24 January 2012

क्षणिकाएँ - सपना

2 comments:

  1. sari kshanikaye ek se ek hai..bhut sunder...laazwaab :)

    ReplyDelete
  2. धन्यवाद सत्यम शिवम जी.

    ReplyDelete

प्रस्फुटन शेष अभी - एक गीत

  शून्य वृन्त पर मुकुल प्रस्फुटन शेष अभी। किसलय सद्योजात पल्लवन शेष अभी। ओढ़ ओढ़नी हीरक कणिका जड़ी हुई। बीच-बीच मुक्ताफल मणिका पड़ी हुई...